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‘सैयारा’ देख थिएटर में बेहोश हो रहे युवा, सोशल मीडिया पर मीम्स और ट्रोल्स की बारिश

सैयारा : हाल ही में दो नए चेहरों—अहान पांडे और अनीत पड्डा—के साथ एक फिल्म आई, नाम है ‘सैयारा’। रिलीज़ के पहले दिन से ही इसका असर कुछ ऐसा हुआ जैसे किसी ने युवाओं की रगों में कोई पुराना दर्द फिर से जगा दिया हो। एक तरफ जहां बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म अच्छा कलेक्शन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर मानो किसी ने मीम्स और ट्रोल्स की बारिश कर दी हो।

SAIYARA

थिएटर से निकलते लोग नम आंखों के साथ सेल्फी ले रहे हैं। किसी का चेहरा लाल है, किसी की नाक बह रही है, कोई फर्श पर बैठा है तो कोई गाने गा रहा है—“तेरे जाने का ग़म…”। कुछ तो इस कदर भावुक हुए कि सीधा स्ट्रेचर पर निकाले गए। एक वायरल वीडियो में तो युवक रोते-रोते बोल रहा है, “मुझे वो वापस चाहिए…”। अब ये ‘वो’ कौन है, ये वही जाने।

फिल्म देखकर बेहोश होने की खबरें आने लगी हैं। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा—”देश के युवा सैयारा देखकर बेहोश हो रहे हैं, हर सिनेमाघर के बाहर एम्बुलेंस होनी चाहिए।” किसी और ने तंज कसा—“WHO को चिट्ठी लिखो, हमें सैयारा वायरस से बचाना होगा।”

पर सवाल ये नहीं कि लोग क्यों रो रहे हैं। असली सवाल ये है कि क्या ये सब असली है? या फिर फिल्म प्रमोशन का कोई नया तरीका? कईयों ने तो सीधे-सीधे इसे ’emotional marketing’ कहकर खारिज कर दिया। लेकिन फिल्म के सपोर्ट में भी आवाजें उठीं। कहा गया कि जब कोई कहानी दिल से कही जाए, तो दिल ही पिघलते हैं।

मगर इंटरनेट को कौन रोक सकता है? मीम्स बने—”जहां चीन के युवा AI बना रहे हैं, वहीं हमारे युवा सैयारा में खोए हैं।” किसी ने लिखा—“2025 की सबसे बड़ी मेडिकल इमरजेंसी: सैयारा सिंड्रोम।”

ये सब पढ़-सुनकर ऐसा लगा जैसे हम किसी इमोशनल महामारी के बीच खड़े हों। कुछ ने इसे Gen Z की कमजोरी कहा, कुछ ने इसे नई संवेदनशीलता बताया। पर एक बात तो तय है—’सैयारा’ कोई साधारण फिल्म नहीं रही। ये महज़ एक लव स्टोरी नहीं, एक अनुभव बन गई।

अब ये अनुभव कितनों को जोड़ता है और कितनों को चिढ़ाता है, ये वक्त बताएगा। लेकिन जो बात अब भी गूंज रही है वो ये कि—”फिल्में बदल रही हैं, और शायद दर्शक भी।”

फिल्म ‘सैयारा’ को मोहित सूरी ने डायरेक्ट किया है, वही मोहित जिनकी फिल्में पहले भी दिल तोड़ चुकी हैं—कभी आशिकी 2 से, कभी एक विलेन से। अब उन्होंने एक बार फिर उसी इमोशनल रोड पर गाड़ी दौड़ा दी है।

इस बार गाड़ी में दो नए चेहरे बैठे हैं—अहान पांडे, जो चंकी पांडे के भतीजे हैं और अनीत पड्डा, जिनके एक्सप्रेशन इतने सच्चे लगे कि लोग सच में रोने लगे।

कमाई की बात करें तो फिल्म ने पहले दिन लगभग ₹7.2 करोड़ का कलेक्शन किया। दूसरे दिन ये आंकड़ा 9.1 करोड़ तक पहुंचा और तीसरे दिन यानी संडे को 12.5 करोड़ के पार चला गया। कुल मिलाकर पहले वीकेंड में ₹28 करोड़ के आसपास का नेट कलेक्शन हुआ, जो एक डेब्यू फिल्म के लिए जबरदस्त माना जा रहा है।

क्रिटिक्स की रेटिंग मिली-जुली रही। कुछ ने कहा—“स्क्रिप्ट थोड़ी ड्रामा heavy है लेकिन इमोशन असली है।” वहीं कुछ ने इसे ‘ओवर द टॉप मेलोड्रामा’ का तमगा भी दे दिया। IMDB पर फिल्म की रेटिंग अभी 6.8/10 है, जबकि Rotten Tomatoes पर ऑडियंस स्कोर 82% तक पहुंच गया है।

संगीत की बात करें तो तनिष्क बागची का म्यूजिक फिर से चला है। खासकर टाइटल ट्रैक “Saiyaara Re…” इतना वायरल हुआ कि इंस्टाग्राम रील्स में हर तीसरे वीडियो में यही बैकग्राउंड में बज रहा है।

निर्माता अक्षय विधवानी ने एक इंटरव्यू में कहा—“इन दर्शकों को हमने बुलाया नहीं, वो खुद टूटे हुए दिल लेकर आए थे।” अब सच क्या है और प्रचार क्या, ये तय करना मुश्किल है—but एक बात साफ है—‘सैयारा’ एक ‘मूड’ बन चुकी है।

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